Saturday, July 11, 2009

मेरी सुबह कुछ यूँ होती है....

मेरी सुबह कुछ यूँ होती है,

बंद आँखों ने जो देखा है की काश वो सच हो जाए ........
यूँ तो तुम्हारी खूबसूरती की बाते हर कोई करता होगा मगर,
काश की मेरी कविता कुछ अलग कह जाए .......
यूँ मेरी सुबह होती है !!!!

मेरी जिंदगी खुशाल है क्यूँ की तुमसे मुलाकात का आसरा है...
काश की मेरी खुशाली और बढ़ जाए , और ये सिलसला मुलाकात से कुछ आगे बाद जाए॥
इस इंतिजार में मेरी सुबह होती है ... की मेरी सुबह कुछ यूँ होती है ॥

जो कुछ भी इस पल में हो रहा है मेरे साथ, जो तड़प मेरे दिल में हो रही है तुम्हारे लिए.......
काश की ऐसा ही कुछ तुम्हारे साथ भी हो जाए , इस प्रार्थना में मेरी सुबह होती है, की मेरी सुबह कुछ यूँ होती है।

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