दूर कहीं वो मुझसे मेरे ख्यालो में होगी,
मान बैठी होगी मुझे वो अपना जाने वो कहा होगी।
एक नजर भी अभी उसे नही देखा,
न जाने दूरी कब कम होगी।
वो धुंधला चेहरा कब सामने आएगा,
न जाने कब खुदा की रहन्मत होगी।
Saturday, July 11, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment